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| Photo Source Delhi CM and AAP leader, Arvind Kejriwal.(PTI) |
Delhi High Court में एक बार फिर मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को झटका लगा है। केजरीवाल ने CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ अदालत में चुनौती दी, जिस पर कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को नोटिस भेजा है। अदालत ने 7 दिनों के भीतर उत्तर देने का आदेश दिया है, और इसके बाद 2 दिनों में रिजवाइंडर भी देने का निर्देश दिया गया है। अदालत अब इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को करेगी। केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मामले में अपनी तुरंत रिहाई की मांग भी की है।
यह याचिका सोमवार को दायर की गई थी और इसे जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के सामने सुनवाई के लिए रखा गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक ने अधीनस्थ अदालत के 26 जून के आदेश को भी चुनौती दी थी, जिसके तहत उन्हें CBI द्वारा तीन दिनों की हिरासत में भेजा गया था।
अदालत में क्या हुआ?
सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी और एन हरिहरन, वकील विवेक जैन ने केजरीवाल की पक्ष से अपने वकीली प्रस्तुत किए। CBI की तरफ से विशेष वकील डीपी सिंह ने भी अपना प्रस्तुत किया।Live Law के मुताबिक, सिंघवी ने कहा कि मामले में तुरंत गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि केजरीवाल को अगस्त 2022 में CBI द्वारा दर्ज FIR में गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्हें पिछले साल अप्रैल में केवल एक बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसमें उन्होंने सहयोग किया था। उन्होंने अदालत को CBI के अरेस्ट मेमो के बारे में बताया और कहा कि यह कानूनी शर्तों पर खरा नहीं उतरता है। हालांकि, जज ने कहा था कि गिरफ्तारी गैरकानूनी नहीं है, लेकिन CBI को भी अधिक उत्साही नहीं होना चाहिए।
CBI ने तिहाड़ जेल में केजरीवाल को किया गिरफ्तार
निचली अदालत ने केजरीवाल को 29 जून को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 55 साल के अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में वहां न्यायिक हिरासत में थे।CBI ने निचली अदालत के सामने दावा किया था कि AAP प्रमुख ने जांच में सहयोग नहीं किया और जानबूझकर टालमटोल वाले जवाब दिए थे। संघीय एजेंसी ने ये भी आशंका जताई थी कि केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
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