### लाल बहादुर शास्त्री जी: निस्वार्थि और सच्चे नेतृत्व"

 

लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री जी ने कभी अपनी मां को नहीं बताया था कि वे रेल मंत्री हैं। उन्होंने अपनी मां को यह कहा था कि "मैं रेलवे में नौकरी करता हूं।"

एक बार शास्त्री जी किसी कार्यक्रम में रेलवे भवन में आए। संयोग से उनकी मां भी वहां पहुंच गईं और पूछताछ करने लगीं कि उनका बेटा भी यहाँ आया है, जो रेलवे में नौकरी करता है।

लोगों ने जब उनका नाम पूछा और उन्होंने नाम बताया, तो सब चौंक गए। सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "आप झूठ बोल रही हैं।"

लेकिन उनकी मां ने कहा, "नहीं, वह यहां आए हैं।"

लोग उन्हें लाल बहादुर शास्त्री जी के सामने ले गए और पूछा, "क्या यह वही हैं?"

तब उनकी मां ने कहा, "हां, वह मेरा बेटा है।"

लोग मंत्री जी से पूछने लगे, "क्या यह आपकी मां हैं?"

शास्त्री जी ने अपनी मां को बुलाकर अपने पास बिठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।

पत्रकारों ने उनसे पूछा, "आपने अपनी मां के सामने भाषण क्यों नहीं दिया?"

शास्त्री जी बोले, "मेरी मां को नहीं पता कि मैं मंत्री हूं। अगर उन्हें पता चल जाए, तो वह लोगों की सिफारिश करने लगेंगी और मैं मना भी नहीं कर पाऊंगा और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा।"

यह जवाब सुनकर सभी सन्न रह गए।

निस्वार्थि, सच्चे, और ईमानदार स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मदिन 2 अक्टूबर पर सत सत नमन।

Sunil Kumar Sharma

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