कौन सा देश सबसे बुरी भौगोलिक स्थिति का सामना करता है
मंगोलिया
- समुद्र या महासागर तक पहुँच नहीं है।
- बड़े आकार के बावजूद जल और वन की कमी का सामना करता है।
- अधिकांश भूमि कृषि के लिए उपयुक्त नहीं है।
- भीषण गर्मी और सर्दी का सामना करता है।
- देश का एक तिहाई हिस्सा रेगिस्तान है।
- रूस और चीन के बीच फंसा हुआ है।
- अक्सर दुनिया का भूला हुआ हिस्सा माना जाता है।
कारण
समुद्र या महासागर तक पहुंच नहीं है:
- समुद्री व्यापार की सुविधा नहीं होने से आर्थिक विकास में बाधा।
- निर्यात और आयात की लागत बढ़ जाती है, जिससे प्रतिस्पर्धा में कमी आती है।
- पर्यटन और अन्य समुद्री आधारित उद्योगों का अभाव।
जल और वन की कमी:
- जल संसाधनों की कमी से कृषि, उद्योग और घरेलू उपयोग में समस्याएं।
- वनस्पति की कमी से पर्यावरणीय अस्थिरता और वन्यजीवों के लिए खतरा।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अधिक असर।
कृषि के लिए अनुपयुक्त भूमि:
- भोजन उत्पादन की सीमित संभावनाएं।
- आयात पर निर्भरता बढ़ जाती है, जिससे खाद्य सुरक्षा की समस्या।
- ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसरों की कमी।
चरम मौसम की परिस्थितियाँ:
- भीषण गर्मी और सर्दी से मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव।
- चरम मौसम के कारण कृषि उत्पादन और पशुपालन में बाधा।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव।
रेगिस्तानी भूमि का विस्तार:
- गोबी रेगिस्तान का विस्तार, जो भूमि की उर्वरता को प्रभावित करता है।
- मरुस्थलीकरण से स्थानीय जलवायु और जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव।
भौगोलिक स्थिति:
- रूस और चीन के बीच स्थित होने के कारण राजनीतिक और आर्थिक चुनौती।
- वैश्विक राजनीति में सीमित प्रभाव और स्वतंत्र नीतियाँ अपनाने में कठिनाई।
- दो शक्तिशाली देशों के बीच की स्थिति से स्वतंत्र निर्णय लेने में बाधा।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की कमी:
- वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में सीमित भागीदारी।
- अंतर्राष्ट्रीय निवेश और सहयोग की कमी।
- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के बावजूद वैश्विक मंच पर कम पहचान।
निष्कर्ष
मंगोलिया की भौगोलिक स्थिति कई चुनौतियों का सामना करती है, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों की कमी, चरम मौसम, और बड़े राजनीतिक पड़ोसियों के बीच की स्थिति शामिल है। इन सबके बावजूद, मंगोलिया ने अपनी अद्वितीय संस्कृति और इतिहास को बनाए रखा है और अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
