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अयोध्या की विदुषी सिंह की प्रेरणादायक सफलता कहानी
विदुषी सिंह, जिनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में हुआ और जिनकी पारिवारिक जड़ें अयोध्या से हैं, ने 21 साल की उम्र में बिना किसी कोचिंग के UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की। पहले ही प्रयास में उन्होंने 13वीं रैंक प्राप्त की और IAS तथा IPS जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं को ठुकराते हुए भारतीय विदेश सेवा (IFS) को चुना। यह निर्णय उन्होंने अपने दादा-दादी के उस सपने को साकार करने के लिए लिया, जो चाहते थे कि उनका परिवार विदेश सेवा में भी अपना नाम बनाए।
कोचिंग के बिना हासिल की सफलता
विदुषी ने UPSC की तैयारी में किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने NCERT और अन्य महत्वपूर्ण किताबों से अपनी नींव मजबूत कर ली थी। अपनी रणनीति में टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट को अहम मानते हुए, उन्होंने नियमित अभ्यास के जरिये अपनी तैयारी को धार दी। उन्होंने अर्थशास्त्र को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना और अपनी मेहनत से इस कठिन परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।
खुद से तैयारी पर जोर
विदुषी ने अपनी सफलता का श्रेय आत्म-निर्भर तैयारी को दिया। उन्होंने कहा कि खुद से पढ़ाई करना और समर्पण के साथ अपनी रणनीति बनाना ही उनकी सफलता का प्रमुख कारण रहा। उनके इस फैसले और उपलब्धि ने उन्हें लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा बना दिया है।
विदुषी सिंह की यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और सही दिशा से बिना कोचिंग के भी UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है।