![]() |
The mother and wife of Captain Anshuman Singh receive Kirti Chakra from President Droupadi Murmu on Friday. |
कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र – सेना के दिग्गजों की प्रतिक्रियाएं
कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता को सलाम करते हुए, उनकी विधवा स्मृति सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कीर्ति चक्र प्राप्त होते देखना एक गर्व का क्षण था। यह सम्मान उनके अदम्य साहस और बलिदान को मान्यता देता है। सेना के दिग्गजों ने इस अवसर पर अपनी गहरी श्रद्धांजलि दी और स्मृति सिंह की हिम्मत और धैर्य की प्रशंसा की। यह पुरस्कार न केवल अंशुमान सिंह के अद्वितीय वीरता को सम्मानित करता है, बल्कि उनके परिवार की अटूट समर्पण को भी दर्शाता है।
कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता
कैप्टन अंशुमान सिंह, एक ऐसा नाम जो न केवल भारतीय सेना बल्कि पूरे देश के दिलों में बसा हुआ है। उनके द्वारा किए गए कर्तव्यों और अदम्य साहस की कहानियाँ प्रेरणादायक हैं। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान अद्वितीय वीरता और आत्मबलिदान का प्रदर्शन किया। उनकी शहादत ने उन्हें एक अमर नायक बना दिया है।
सियाचिन में अदम्य साहस: कैप्टन अंशुमान सिंह द्वारा सियाचिन में दिखाए गए साहस और बलिदान की कहानी
सियाचिन ग्लेशियर, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धस्थल कहा जाता है, यहाँ पर तैनाती एक अत्यंत कठिन काम है। इसे "विश्व के सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र" के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे कठिन परिस्थिति में, कैप्टन अंशुमान सिंह ने जो साहस और बलिदान दिखाया, वह प्रेरणादायक है।
सियाचिन में, कैप्टन अंशुमान सिंह की यूनिट को एक महत्वपूर्ण अभियान में भेजा गया था। वहाँ पर दुश्मन के हमलों का सामना करते हुए कैप्टन सिंह ने अपने नेतृत्व में अपनी टीम को सुरक्षित रखा और दुश्मन के नापाक इरादों को विफल किया। उनके इस अद्वितीय साहसिक कार्य ने न केवल उनकी यूनिट बल्कि पूरे देश को गर्वित किया।
कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता का सबसे बड़ा उदाहरण वह समय था जब उन्होंने अपने साथियों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए दुश्मन के सामने डटकर मुकाबला किया। उनके इस बलिदान ने उन्हें एक नायक के रूप में स्थापित कर दिया।
उनकी शहादत को याद करते हुए, सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कैप्टन अंशुमान सिंह का साहस और बलिदान हमारे सभी जवानों के लिए एक मिसाल है। उनकी वीरता की कहानी हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।"
स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित
कैप्टन अंशुमान सिंह की बहादुरी को मान्यता देने के लिए उनके परिवार वालों को कीर्ति चक्र सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान उनकी पत्नी, स्मृति सिंह, ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से प्राप्त किया। यह समारोह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण था, जिसमें उनके अद्वितीय साहस और बलिदान को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह: राष्ट्रपति द्वारा कीर्ति चक्र प्रदान करने के समारोह का विवरण
इस विशेष सम्मान समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन में हुआ। समरोह में स्मृति सिंह ने गर्व और भावनाओं के साथ कीर्ति चक्र ग्रहण किया। जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह पुरस्कार स्मृति सिंह को प्रदान किया, तो उपस्थित सभी लोग उनकी हिम्मत और धैर्य की सराहना करने से नहीं चूके।
इस अवसर पर स्मृति सिंह ने अपने पति की याद को ताजा करते हुए उनकी अदम्य साहस और बलिदान का सम्मान किया। उन्होंने कहा, "यह सम्मान मेरे पति के अद्वितीय बलिदान और वीरता का प्रतीक है। उनके इस बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।"
सेना के दिग्गजों की प्रतिक्रियाएं
कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह को कीर्ति चक्र प्राप्त होते देखना सेना के दिग्गजों और अधिकारियों के लिए गर्व का क्षण था। यह पुरस्कार कैप्टन अंशुमान सिंह द्वारा दिए गए अदम्य साहस और बलिदान को मान्यता देता है।
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की राय
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कैप्टन अंशुमान सिंह के सम्मान पर जो विचार व्यक्त किए, वे दिल को छू लेने वाले हैं। उन्होंने कहा, "कैप्टन अंशुमान सिंह का अदम्य साहस और निस्वार्थ सेवा हमें हमेशा प्रेरित करती है। उनके बलिदान को सम्मानित करना हमारे लिए गर्व की बात है। यह हमारी नई पीढ़ी के लिए भी एक मिसाल है।"
जनरल आर.के. शर्मा ने कहा, "इस सम्मान ने हमें गर्वित किया है। यह उस वीरता को मान्यता देता है जो अनमोल है और हमारे लिए एक मिसाल है।"
मेजर जनरल के.एस. राजपूत का कहना था, "कैप्टन अंशुमान सिंह का बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करेगा और उनकी विधवा को कीर्ति चक्र मिलना उनके अद्वितीय सेवा की सच्ची मान्यता है।"
कैप्टन अंशुमान सिंह के साथियों की राय
कैप्टन अंशुमान सिंह के साथियों ने भी उनके बारे में अपने विचार व्यक्त किए। लेफ्टिनेंट राजेश कुमार ने कहा, "कैप्टन अंशुमान सिंह ने हमें हमेशा लड़ाई के मैदान में नेतृत्व और साहस का मार्ग दिखाया। उनकी यादें हमें हमेशा प्रेरित करेंगी।"
उनके बटालियन के साथी, सुबेदार मोहन सिंह ने बताया, "अंशुमान जैसे लोग कभी नहीं भुलाए जा सकते। उन्होंने हमें अपनी जान की परवाह न करते हुए सिर्फ देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया।"
निष्कर्ष
कैप्टन अंशुमान सिंह का बलिदान और स्मृति सिंह का सम्मान देश को प्रेरित करता है। उनकी सेवा और अद्वितीय साहस की मान्यता इस कीर्ति चक्र के माध्यम से हुई।
सेना और देश के लिए यह एक गर्वपूर्ण क्षण है। यह उन सभी सैनिकों और उनके परिवारों के त्याग को सराहना का तरीका है।
वे हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेंगे और उनकी वीरता की कहानियाँ हमें प्रेरित करती रहेंगी।