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| The Essence of Rural Life" |
20 साल पहले गाँव की जिंदगी कितनी हसींन और खुशनुमा सी होती थी।
गाँव में हर चीज नये रंगमय दिखती थी। रोज सुबह उठते ही, पहाड़ो और खेत खलिहानो के बीच फैली ज़मीन पर काम करने वाले किसानों की मशहूर आवाज़ सुनाई देती थी। उनकी मेहनत भरी जिंदगी में हर दिन एक नई कहानी थी। गाँव के छोटे-छोटे घर कच्चे माकन और उन मकानों में रह रहे परिवरो का आपसी प्यार , घर की दीवारों से लिपटकर एक गहरा रिश्ता बना दिया जाता था। लोग अपने काम से नहीं, बल्कि आपसी प्यार से इतने प्रसन्न रहते थे।
गाँव की सड़को पर गाँव के लड़के, लड़कियाँ, बूढ़े और जवान सब एक साथ अपना सफर तय करते थे। घोड़े, गाड़ियाँ, या फिर बस, हर किसी के पास अपनी कहानी थी। रोज एक दूसरे से मुलाकात होती थी, हर किसी की बात सुनी जाती थी। गाँव के बाजार की हर गली में अपनी कहानियां छुपी होती थी, हर दुकानदार की अपनी पहचान थी। आजी की दुकान , काका की दूकान जैसे नाम से मशूरर गालिया ,
शिक्षा की बात करें तो शुरुआत में तो स्कूल दरवाजे पर था। पर किसान मेहनत और भविष्य के सपने उन्हें स्कूल भेजते थे। जब स्कूल की घंटी बजती थी, तो गाँव के बच्चे भी अपनी किताबों के साथ निकल पड़ते थे। टीचर की तरफ से प्यार, और दोस्ती का जादू, स्कूल की यादें आज भी दिल को छू जाती हैं।
गाँव की जिंदगी में हर कोई अपने घर बसाने का सपना देखता था। हर कोई अपने खेतों को हरा भरा बनाना चाहता था। हर किसान अपने पसीने की कमाई से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहता था। और फिर शाम को सब मिलके, चौपाल में बैठ कर अपनी यादों की किताब खोलते थे।
गाँव की जिंदगी की यादों में रंगीन पल हैं। गाँव की मिट्टी की खुशबू, खेतों की हार-भरी और उनकी मेहनत से भरी जिंदगी, ये सब आज भी हमारे दिल में है। गाँव की यादों को याद करके, एक नई उम्मीद, एक नई मुस्कुराहट आती है। गाँव की यादों को याद करके, अपने असली और सच्चे रिश्तों को याद करते हैं। गाँव की यादों को याद करके, अपनी जिंदगी को सजाते हैं।
घर में सादी के टाइम
20 साल पहले, दोस्त, यार, रिश्तेदार: सादी का घर
वह समय जब सादी के घर में दोस्त, यार और रिश्तेदार ४ दिन पहले ही आ जाते थे , घर का पूरा माहौल ही खुशनुमा हो जाता था , फूफा , बुवा , मौसी , मामी , मामा , नाना , उनके सगे सम्बन्धी भी। उस समय की यादें आज भी दिलों में बसी हैं। गाँव या शहर, हर जगह ये महोल एक जैसा ही था।
दोस्त: दोस्त वह होते थे जो सदैव आपके साथ ख़ुशी और दुःख में साथ देते थे। वे सादी के घर में आपके साथ आकर उस अद्भुत पल को और भी ख़ास बना देते थे। उनकी मुस्कान, उनका मज़ाक और उनका साथ, सभी कुछ बेहद महत्वपूर्ण था।
यार: यार वे होते थे जिन्हें आप अपने दिल के करीब महसूस करते थे। उनकी ख़ुशी आपके लिए भी ख़ुशी का कारण बनती थी। उनका साथ आपके लिए हमेशा सहारा बना रहता था, चाहे वह खुशी के पल हों या दुःख के।
रिश्तेदार: रिश्तेदार वे थे जो आपके ख़ून के रिश्ते में जुड़े थे। उनका साथ और समर्थन हमेशा महत्वपूर्ण था, खासकर जब नए रिश्ते बनते थे। उनकी शादी के घर में उपस्थिति, खुशी के पलों को और भी यादगार बना देती थी।
सादी का घर, ये दोस्त, यार और रिश्तेदार का मिलन, एक अद्वितीय और प्रिय रिश्ता बनाता है। वहाँ ख़ुशी, समझदारी और एक दूसरे के साथ अदाएँ हमेशा सुरक्षित रहती हैं।
