भारत को बार-बार आंख दिखाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस बार अपने ही देश में घिर गए हैं। दरअसल, जब अफगानिस्तान से पश्चिमी देशों की सेनाएं लौट रही थीं और चारों ओर अफरातफरी मची हुई थी, तब ट्रूडो के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने सेना को आदेश दिया था कि पहले सिखों को निकालो। अब जब इस मामले का खुलासा हुआ, तो कनाडा में बवाल मच गया। लोग ट्रूडो से पूछ रहे हैं कि आखिर यह कैसा आदेश था।
रिपोर्ट के मुताबिक, मामला 2021 का है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया और सभी देश अपने लोगों को बचाकर निकालने लगे। उस समय सिख हरजीत सज्जन कनाडा के रक्षा मंत्री थे। काबुल में हालात बिगड़ते देख सज्जन ने विशेष बलों को आदेश दिया कि सबसे पहले सिखों को बचाओ और उन्हें अफगानिस्तान से जल्द से जल्द बाहर निकालो। अब लोगों का कहना है कि सेना ने उनके इसी आदेश का पालन किया, जिससे कनाडा के अन्य लोगों को मुश्किलें हुईं।
कनाडाई अखबार 'द ग्लोब एंड मेल' ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया कि सज्जन ने सिखों को निकालने के लिए सेना को 225 नाम दिए थे और उनके रहने की जगह के बारे में बताया था। 15 अगस्त 2021 को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के कुछ दिनों बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। सूत्रों के अनुसार, अफगान सिखों को कनाडा की सेना अपना नहीं मानती थी क्योंकि उनका मानना था कि इन लोगों का कनाडा से सीधा कोई संबंध नहीं है। इसी वजह से सज्जन ने हस्तक्षेप करते हुए आदेश दिया और तुरंत उन्हें बचाने के लिए कहा।
सज्जन अब जस्टिन ट्रूडो कैबिनेट में आपातकालीन मंत्री हैं। उन्होंने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह पूरी तरह से बकवास है। सज्जन ने कहा, "मैं इस मामले में साफ हूं। यह पूरी तरह बकवास बातें हैं। जो लोग उस वक्त कनाडाइयों की निकासी पर नजर रख रहे थे, वे जानते हैं कि हमने जितना संभव हो सका, सबको बाहर लाने की कोशिश की। मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।" उधर, ट्रूडो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग नाराज हैं कि इस देश का रक्षा मंत्री ऐसा आदेश आखिर कैसे दे सकता है।