9 जून की सुबह
बेंगलुरु के कमाक्षी प्लेवे इलाके में एक डिलीवरी बॉय ने नाले के पास एक कुत्ते को इंसानी लाश नोचते हुए देखा। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और पुलिस की टीम वहां पहुंचकर लाश को अपने कब्जे में ले गई। पहचान के कोई सुराग नहीं मिलने के कारण, पुलिस ने आस-पास के थानों में पूछताछ शुरू की कि कहीं किसी नौजवान की मिसिंग रिपोर्ट तो दर्ज नहीं है। मृत व्यक्ति की उम्र 30 से 35 साल के बीच थी।
इत्तफाक से, पुलिस को पता चला कि पास के एक थाने में एक 33 वर्षीय व्यक्ति, रेणुका स्वामी, की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है। उसकी मां ने बताया कि रेणुका अपोलो फार्मेसी में काम करता था और 8 जून से लापता था। पुलिस ने उसकी मां को लाश की पहचान के लिए बुलाया। लाश की हालत इतनी खराब थी कि पहचान मुश्किल थी, लेकिन कपड़ों से उसकी मां ने उसे पहचान लिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खुलासा किया कि रेणुका को बुरी तरह पीटा गया था। उसकी जुबान काट दी गई थी, जबड़ा तोड़ दिया गया था और शरीर पर अनगिनत घाव थे। ये सभी घाव मौत से पहले के थे, जिससे साबित हुआ कि उसे बुरी तरह टॉर्चर किया गया था। पुलिस ने मर्डर का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि रेणुका स्वामी का जीवन साफ-सुथरा था और उसकी किसी से दुश्मनी नहीं थी। अचानक, तीन लोग थाने आए और उन्होंने बताया कि उन्होंने ही रेणुका स्वामी को मारा है, क्योंकि उनके बीच पैसों का लेन-देन था। पुलिस ने उन्हें लॉकअप में डाल दिया और केस लगभग बंद होने ही वाला था।
तभी इस केस को एसपी ने अपने हाथ में ले लिया। रेणुका स्वामी के मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि एक नंबर से बार-बार फोन आया था, जो चैलेंजिंग स्टार दर्शन का था। टावर लोकेशन से पता चला कि पिछले 48 घंटे में तीनों कातिल और दर्शन एक साथ थे।
दर्शन की जिंदगी में एक मॉडल, पवित्रा गौड़ थी, जिससे उनके वैवाहिक जीवन में तनाव आ रहा था। दो साल पहले उनकी पत्नी ने उन पर मारपीट का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन बाद में आपसी समझौते से केस वापस ले लिया था। रेणुका स्वामी की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने फेक आईडी बनाकर पवित्रा को दर्शन से दूर रहने की धमकी दी थी।
सरकार के उच्च अधिकारियों ने दर्शन को बचाने की कोशिश की। गृह मंत्री ने आदेश दिया कि किसी भी तरह स्टार को जेल नहीं भेजना है। डॉक्टर को पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए एक करोड़ का ऑफर दिया गया, लेकिन एसपी और ईमानदार कमिश्नर का समर्थन मिलने के कारण पुलिस ने तेजी से काम किया। मीडिया ने पूरी स्पोर्ट दी और हर चैनल पर यह खबर छा गई।
आखिरकार, मैसूर के एक होटल से दर्शन को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि वह बाद में आएंगे, लेकिन एसपी ने उनकी एक नहीं सुनी। पवित्रा गौड़ मुख्य अभियुक्त नंबर दो थी और 17 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ जिन्होंने हथियार सप्लाई किए थे। हत्या का मोटिव पवित्रा गौड़ से उत्पन्न हुआ था।
इस मामले में ईमानदारी की जीत हुई और एसपी साहब ने साबित कर दिया कि हत्यारा चाहे स्टार हो या नेता, कानून सबके लिए बराबर है।
