"विपत्ति से प्रेरणा तक: डॉ. द्रौपदी मुर्मू की साहसी यात्रा का सम्मान"

 


Dear Honorable Dr. Draupadi Murmu Ji,

आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! Heartiest birthday wishes to you!

आपका जीवन संघर्ष, साहस और समर्पण का प्रतीक है। Your life is a symbol of struggle, courage, and dedication. आपके अद्वितीय नेतृत्व और योगदान ने केवल राजनीति में बल्कि समाज के हर वर्ग में एक मिसाल कायम की है Your unique leadership and contribution have set an example not only in politics but across every stratum of society. आपकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने हमें यह सिखाया है कि कठिनाइयों के बावजूद, सपनों को साकार किया जा सकता है। Your hard work and steadfast resolve have taught us that dreams can be achieved despite challenges.

आपके नेतृत्व में, हमारा देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है। Under your leadership, our country is reaching new heights. आपका योगदान और समर्पण राष्ट्र के विकास और प्रगति के लिए प्रेरणा स्रोत है। Your contribution and dedication are a source of inspiration for the development and progress of our nation. हमें गर्व है कि आप हमारे देश की राष्ट्रपति हैं और आपने हमें हर कदम पर गर्वित किया है। We are proud that you are the President of our nation and you have made us proud at every step.

ईश्वर से प्रार्थना है कि वे आपको अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और खुशियों से परिपूर्ण जीवन प्रदान करें। We pray to God to bless you with good health, long life, and happiness. आपका जीवन इसी प्रकार प्रेरणा का स्रोत बना रहे और आप हमेशा इसी तरह राष्ट्र की सेवा करती रहें। May your life continue to be a source of inspiration, and may you always serve the nation in this way.

जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाओं के साथ, With many wishes on your birthday

 

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Dr. Draupadi Murmu का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। वे संथाल आदिवासी समुदाय से संबंधित हैं। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव में ही हुई। बाद में, उन्होंने भुवनेश्वर स्थित रमादेवी महिला कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

द्रौपदी मुर्मू का वैवाहिक जीवन

 Dr. Draupadi Murmu का वैवाहिक जीवन भी उनके संघर्ष और साहस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। उनका विवाह Shyam Charan Murmu से हुआ था, जो Bank of India में अधिकारी थे। उनके तीन बच्चे थे—दो बेटे और एक बेटी। हालांकि, उनका वैवाहिक जीवन कई व्यक्तिगत त्रासदियों से गुजरा है।


पारिवारिक जीवन और कठिनाइयाँ

1. **बेटों का निधन:** Draupadi Murmu के दोनों sons का असामयिक demise उनके life का सबसे दुखद और challenging time था।

2. **पति का निधन:** 2014 में उनके husband Shyam Charan Murmu का भी demise हो गया।

इन त्रासदियों के बावजूद, द्रौपदी मुर्मू ने अपनी हिम्मत और धैर्य बनाए रखा। उन्होंने अपने जीवन को पुनः संगठित किया और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज और राजनीति में अपना योगदान जारी रखा।पुत्री का सहारा

द्रौपदी मुर्मू की एक बेटी है, जो उनके जीवन में सहारा और समर्थन का स्रोत बनी रही। उन्होंने अपनी बेटी के साथ मिलकर जीवन की कठिनाइयों का सामना किया और अपने राजनीतिक और सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन जारी रखा।

आध्यात्मिकता और आस्था

द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन की कठिनाइयों से निपटने के लिए आध्यात्मिकता का सहारा लिया। उन्होंने इस दौरान अपनी आस्था को मजबूत किया और ईश्वर पर विश्वास बनाए रखा। उनका आध्यात्मिक दृष्टिकोण उनके जीवन में शांति और धैर्य का स्रोत बना।

 द्रौपदी मुर्मू का वैवाहिक जीवन और पारिवारिक संघर्ष हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें अपने कर्तव्यों और लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए। उनकी कहानी प्रेरणा का एक स्रोत है, जो यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, दृढ़ संकल्प और धैर्य से सब कुछ संभव है।

करियर की शुरुआत

द्रौपदी मुर्मू ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षिका के रूप में की। उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, रायरंगपुर में शिक्षण कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने राज्य सरकार के सिंचाई विभाग में भी अपनी सेवाएं दीं।

राजनीतिक करियर

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर 1997 में शुरू हुआ जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर रायरंगपुर नगर पंचायत का चुनाव जीता। उनके राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पद शामिल हैं:

 

1. 1997-2009: रायरंगपुर नगर पंचायत की उपाध्यक्ष।

2. 2000-2004: उड़ीसा सरकार में परिवहन और वाणिज्य मंत्री।

3. 2004-2009: उड़ीसा विधान सभा की सदस्य।

 

राज्यपाल के रूप में कार्यकाल:

 2015 में, द्रौपदी मुर्मू को झारखंड की राज्यपाल नियुक्त किया गया। वे झारखंड की पहली महिला राज्यपाल और देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल बनीं। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राज्य के आदिवासी और पिछड़े वर्गों के विकास पर विशेष ध्यान दिया।

 वर्तमान स्थिति:

 25 जुलाई 2022 को, द्रौपदी मुर्मू ने भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। वे इस पद को संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में जन्मी पहली व्यक्ति हैं। राष्ट्रपति के रूप में, वे भारतीय संविधान की रक्षा और पालन की शपथ लेकर देश के सर्वोच्च पद पर काबिज हुईं।

 


Sunil Kumar Sharma

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