अंतरिक्ष में फंसीं सुनीता विलियम्स: जानिए उनकी खुराक, वापसी की संभावनाएं, और स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की खासियत

 

# अंतरिक्ष में फंसीं सुनीता विलियम्स: जानिए क्या खाएंगी, कैसे वापस आएंगी, और क्या है स्टारलाइनर की खासियत
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इस समय अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं। 5 जून को उन्होंने यूएस नेवी के टेस्ट पायलट बुच विलमोर के साथ बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से उड़ान भरी थी। यह पहली बार था जब बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के जरिए मानव को अंतरिक्ष में भेजा गया। आइए एक-एक करके सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
स्टारलाइनर की उड़ान और समस्या
स्टारलाइनर ने 5 जून को उड़ान भरी थी और इसे 13 जून को वापस पृथ्वी पर आना था, लेकिन 23 दिन से ज्यादा का समय हो गया और अभी तक यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष स्टेशन में ही फंसा हुआ है। 13 जून को वापसी टलने के बाद 26 जून को वापसी की तारीख तय की गई थी, लेकिन 26 को भी स्पेसक्राफ्ट धरती पर लैंड नहीं कर सका।
स्टारलाइनर की पहली मानवयुक्त उड़ान
स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की यह पहली मानवयुक्त उड़ान थी और पहली ही उड़ान में इसमें गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। इससे पहले 2019 और 2020 में इसने मानवरहित उड़ानें भरी थीं। इन उड़ानों में भी कई बार समस्याएं आईं थीं, जिसके चलते मानवयुक्त उड़ानें कैंसिल करनी पड़ी थीं। अब जब मानवयुक्त उड़ान फाइनल हुई और अंतरिक्ष यात्री स्पेस में पहुंच गए, तो विमान स्पेस में ही फंस गया। ऐसे में स्टारलाइनर को बनाने वाली कंपनी बोइंग पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
स्टारलाइनर की वापसी कब होगी?
स्टारलाइनर में हीलियम गैस लीक होने की खबर सामने आई है। नासा का कहना है कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। बोइंग कंपनी का कहना है कि वे खामी का पता लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जब इसे स्पेस स्टेशन से जोड़ा गया था, तभी इसके 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर दिए थे। थ्रस्टर्स को दोबारा से स्टार्ट किया गया है। नासा ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट में आई इन दिक्कतों से कोई परेशानी नहीं होगी और स्टारलाइनर कभी भी धरती पर लैंड कर सकता है। इसकी आराम से जांच की जा रही है और वापसी की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा रहा है।
क्या खा रही हैं सुनीता विलियम्स?
अंतरिक्ष यात्रियों को पहले खाने में कई तरह की दिक्कतें होती थीं, लेकिन अब उनके पास कई विकल्प होते हैं। खानों को स्पेशल कंटेनर में रखा जाता है और विशेष तरीके से पकाया जाता है। अंतरिक्ष के लिए भेजे जाने वाले खाने को जीरो ग्रैविटी को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है। अंतरिक्ष यात्री नट्स, ड्राई फ्रूट्स, पीनट बटर, चिकन, बीफ, सी-फूड्स, कैंडी और ब्राउनी जैसी चीजें खा सकते हैं। ड्रिंक में कॉफी, चाय, ऑरेंज जूस, और फ्रूट पंच शामिल होते हैं।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन: अंतरिक्ष यात्रियों का ठिकाना
सुनीता विलियम्स इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं। यह स्टेशन धरती से लगभग 400 किलोमीटर (250 मील) दूर स्थित है। स्पेस स्टेशन एक तरह से अंतरिक्ष यात्रियों का घर होता है, जहां वे सभी आवश्यक कार्य कर सकते हैं और अंतरिक्ष के रहस्यों का अध्ययन कर सकते हैं। स्पेस स्टेशन की स्पीड इतनी होती है कि यह हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है।
स्पेस स्टेशन का इतिहास

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 1984 और 1993 के बीच तैयार किया गया था। इस स्टेशन का निर्माण कार्य अमेरिका, कनाडा, जापान और यूरोप ने मिलकर किया था। 1993 में इसे फिर से डिजाइन किया गया था और इसमें रूस भी शामिल हो गया था। स्पेस स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री घर की तरह रहते हैं और यह पृथ्वी का नजारा देखने का बेहतरीन स्थान है।

Sunil Kumar Sharma

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