गोरखपुर (यूपी):
"अल-तकियाह" का अर्थ जानें
"Gorakhpur के एक मुस्लिम बहुल इलाके में, जहाँ CM Aditya Nath Yogi को केवल 9 वोट मिले, लेकिन वहां के लोगों ने मीडिया के सामने उन्हें 'मसीहा' कहा। यह घटना चकसा हुसैन बूथ पर हुई, जो गोरखनाथ मंदिर से सटा हुआ है।
बूथ संख्या 267 जनप्रिय विहार II में कुल 1016 मतदाता थे, जिनमें से 456 ने मतदान किया। इसमें से योगी आदित्यनाथ को केवल 9 वोट मिले। इस आंकड़े ने सभी को हैरान कर दिया है। इस इलाके के लोग योगी के काम की सराहना करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें वोट नहीं दिया।
चकसा हुसैन, जनप्रिय बिहार परिसर, मुख्यमंत्री का आवास है और गोरखनाथ मंदिर के नजदीक है, जो मंदिर से लगभग 50 कदम की दूरी पर है। हालांकि, सीएम योगी के गोरखनाथ मंदिर के आसपास ज्यादातर दुकानें मुस्लिम समुदाय द्वारा चलाई जाती हैं और उनकी आय का मुख्य स्रोत गोरखनाथ पीठ है। इतना ही नहीं, गोरखनाथ मंदिर के कई महत्वपूर्ण कार्य मुस्लिम समुदाय के लोगों को दिए गए हैं। मंदिर और उससे जुड़ी इमारतों का निर्माण भी इसी समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है।
जब मीडिया गोरखनाथ मंदिर के आसपास के मुस्लिम बहुल इलाकों में जाती है, तो लोग सीएम योगी की तारीफ करते हैं और उनके काम की सराहना करते हैं। लेकिन जब वोटों की गिनती हुई, तो हकीकत कुछ और ही निकली, जिससे स्थानीय बीजेपी भी हैरान है।
पाठ:
कुरान में इसे अल-तकियाह कहा गया है। अल-तकियाह का अर्थ है "काफिरों को धोखा देना।" इस अवधारणा के अनुसार, जब मुस्लिम समुदाय को अपने अस्तित्व के लिए खतरा महसूस होता है, तो उन्हें अपनी वास्तविक धार्मिक मान्यताओं को छिपाने और विरोधियों के साथ दिखावे का व्यवहार करने की अनुमति होती है। यह उन्हें किसी भी प्रकार की प्रताड़ना से बचाने के लिए होता है।
चकसा हुसैन बूथ के मामले में, ऐसा प्रतीत होता है कि मुस्लिम समुदाय ने योगी आदित्यनाथ की तारीफ तो की, लेकिन अपने वोटों से उन्हें समर्थन नहीं दिया। यह घटना अल-तकियाह की अवधारणा की ओर इशारा करती है, जहां बाहरी दुनिया को दिखाने के लिए कुछ और बताया जाता है, लेकिन असल में कुछ और किया जाता है।
निष्कर्ष:
गोरखपुर की इस घटना ने एक बार फिर से अल-तकियाह की अवधारणा को उजागर किया है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के आधार पर लोग अपने निर्णय और व्यवहार कैसे करते हैं। राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में इसे समझना महत्वपूर्ण है ताकि सभी समुदायों के बीच बेहतर समझ और सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
