सारनाथ की 1905 की खुदाई: सम्राट अशोक की लाट की खोज और इसका ऐतिहासिक महत्व

 

सम्राट अशोक की लाट की खोज और इसका ऐतिहासिक महत्व


### सारनाथ की 1905 की खुदाई: सम्राट अशोक की लाट की खोज और इसका ऐतिहासिक महत्व

सारनाथ, वाराणसी के पास स्थित एक ऐतिहासिक स्थल, भारतीय इतिहास और बौद्ध धर्म के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह वही स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। 1905 में, सारनाथ में हुई खुदाई ने इस स्थान की ऐतिहासिक महत्ता को और बढ़ा दिया जब सम्राट अशोक की प्रसिद्ध लाट (Ashoka Pillar) की खोज की गई।

#### 1905 की खुदाई: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

1905 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के अधीक्षक फ्रेडरिक ऑस्कर ओर्टेल ने सारनाथ में खुदाई का नेतृत्व किया। इस खुदाई का उद्देश्य बौद्ध धर्म से जुड़े प्राचीन अवशेषों की खोज करना और क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व को समझना था। खुदाई के दौरान, कई महत्वपूर्ण संरचनाओं और अवशेषों की खोज की गई, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सम्राट अशोक की लाट थी।

#### सम्राट अशोक की लाट की खोज

सम्राट अशोक, मौर्य वंश के महान शासक, ने भारत में बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके शासनकाल (273-232 ई.पू.) में कई स्तंभों का निर्माण हुआ, जिन्हें अशोक स्तंभ कहा जाता है। सारनाथ में मिली अशोक की लाट पर शिलालेख अंकित हैं, जो अशोक के धर्म और नैतिक उपदेशों को दर्शाते हैं। यह लाट बलुआ पत्थर से बनी हुई है और इसकी ऊंचाई लगभग 50 फीट (15 मीटर) है। लाट के शीर्ष पर चार सिंहों की प्रतिमा है, जो आज भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है।

#### खुदाई की प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण खोजें

खुदाई के दौरान, ओर्टेल और उनकी टीम ने कई महत्वपूर्ण अवशेषों की खोज की, जिनमें स्तूप, मठ और मंदिर शामिल थे। सारनाथ के मुख्य स्तूप, धमेख स्तूप, की खुदाई में भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुईं। यह स्तूप उस स्थान को चिन्हित करता है जहां गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, जिसे धर्मचक्र प्रवर्तन के रूप में जाना जाता है।

#### सम्राट अशोक की लाट का ऐतिहासिक महत्व


सारनाथ में मिली अशोक की लाट भारतीय इतिहास और पुरातत्त्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अशोक के शिलालेख उनके धम्म (धर्म) के सिद्धांतों को प्रसारित करते हैं, जिनमें अहिंसा, सत्य, करुणा और धार्मिक सहिष्णुता शामिल हैं। यह लाट भारत के गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है और इसे संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।

#### निष्कर्ष

1905 में सारनाथ में हुई खुदाई और सम्राट अशोक की लाट की खोज भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। इस खोज ने न केवल बौद्ध धर्म के प्रारंभिक इतिहास को उजागर किया, बल्कि अशोक के शासनकाल की महत्वपूर्ण झलक भी प्रदान की। यह खोज आज भी इतिहासकारों, पुरातत्वविदों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय बनी हुई है। सारनाथ की यह लाट भारतीय संस्कृति और इतिहास की धरोहर है, जिसे संजोकर रखना और आने वाली पीढ़ियों को इसकी महत्ता बताना हमारा कर्तव्य है।


इस खोज ने सारनाथ को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बना दिया है, जहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। अशोक की लाट न केवल भारतीय इतिहास का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा भी है, जिसे हमें गर्व के साथ संरक्षित करना चाहिए।

Sunil Kumar Sharma

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