कर्नाटक में 187 करोड़ का घोटाला: अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र पर आरोप और दलित लेखा अधीक्षक की आत्महत्या

 

कर्नाटक में 187 करोड़ का घोटाला

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, कर्नाटक में एक बड़ा भ्रष्टाचार कांड सामने आया, जिसमें अनुसूचित जनजाति कल्याण कैबिनेट मंत्री बी नागेंद्र को आरोपों का सामना करना पड़ा। इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब 187 करोड़ रुपए अनुसूचित जनजाति कल्याण निगम से आंध्र प्रदेश की एक अनजान कंपनी में ट्रांसफर कर दिए गए।

खबरों के अनुसार, बी नागेंद्र पर दिल्ली हाई कमान से दबाव डाला गया था कि वे अनुसूचित जनजाति कल्याण निगम के फंड को एक विशाखापत्तनम स्थित कंपनी में ट्रांसफर करें, संभवतः चुनाव के लिए पैसे की आवश्यकता के चलते। मंत्री नागेंद्र के आदेश पर यह ट्रांसफर किया गया, जो बाद में विवाद का कारण बना।

15 दिनों बाद यूको बैंक ने अपनी ऑडिट के दौरान पाया कि अनुसूचित जनजाति कल्याण निगम के फंड को एक अनजान कंपनी में ट्रांसफर किया गया है। इस गड़बड़ी को देखते हुए, बैंक ने अपने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी। यूको बैंक ने अपनी प्रेस रिलीज़ के माध्यम से इस घोटाले की जानकारी सार्वजनिक की, जिससे हड़कंप मच गया।

घोटाले के खुलासे के बाद, कर्नाटक सरकार बैकफुट पर आ गई। अनुसूचित जनजाति विकास निगम के प्रमुख लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी पर इस घोटाले की जिम्मेदारी लेने का दबाव डाला गया। चंद्रशेखर पी, जो एक दलित हैं, ने अपने 3 पन्नों के सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री और मंत्री पर आरोप लगाए कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। उन्होंने बताया कि ट्रांसफर के दिन वे ऑफिस में मौजूद नहीं थे और यह ट्रांसफर मंत्री के आदेश पर हुआ था। इसके बाद, चंद्रशेखर पी ने आत्महत्या कर ली।

इस घटना के बाद, मंत्री बी नागेंद्र को पद से हटा दिया गया। यह सवाल भी उठने लगे कि क्या दिल्ली से किसी बड़े व्यक्ति ने फोन कर इस ट्रांसफर का आदेश दिया था।

यह घटना यह स्पष्ट करती है कि सत्ता के गलियारों में भ्रष्टाचार किस हद तक व्याप्त हो सकता है। यदि आज केंद्र में कांग्रेस सत्ता में होती, तो इस तरह के और भी घोटाले उजागर हो सकते थे। यह घटना न केवल कर्नाटक सरकार बल्कि पूरे राजनीतिक तंत्र पर सवाल खड़ा करती है।

इस घोटाले ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर किया है और यह भी बताया कि कैसे निर्दोष लोगों को इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इस मामले की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

Sunil Kumar Sharma

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